अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के पूर्व महानिदेशक मोहम्मद अलबरादई ने ग़ज़्ज़ा में फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ इस्राईल की नरसंहारक कार्रवाइयों पर अरब देशों की चुप्पी को शर्मनाक और कायरता करार दिया है।
अलबरादई ने अरब सरकारों द्वारा इस्राईल के ख़िलाफ़ कानूनी कार्रवाई से बचने की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, संगठन और विशेषज्ञ लगभग इस बात पर सहमत हैं कि इस्राईल ने ग़ज़्ज़ा में नरसंहार और मानवता के ख़िलाफ़ अपराध किए हैं, लेकिन अरब देश इस मामले में प्रभावी भूमिका निभाने से कतराते रहे हैं।
अलबरादई ने कहा कि इस्राईल के ख़िलाफ़ दक्षिण अफ्रीका द्वारा अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में दायर मुक़दमे और अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) में दाख़िल शिकायतों में ज़्यादातर ग़ैर-अरब देश शामिल हैं, जिनमें कोलंबिया, मैक्सिको, स्पेन, तुर्की, बोलिविया, बांग्लादेश, जिबूती और दक्षिण अफ्रीका प्रमुख हैं।
इसके विपरीत, अरब देश, जो इस मुद्दे के वास्तविक और प्रत्यक्ष पक्षकार हैं, इस कानूनी संघर्ष से दूरी बनाए हुए हैं।
उन्होंने कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि अरब सरकारें इस्राईल के ख़िलाफ़ किसी भी कानूनी कार्रवाई में शामिल होने से डरती हैं।
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